वह ऊर्जा जो अध्ययन के लिए आवश्यक होता है, बहुत तीव्रता से समाप्त या व्यय होता है जब व्यक्ति अध्यापन करना आरंभ कर देता है।ज्ञान की प्राप्ति छात्र बन कर की जाती है, गुरु के पद पर आसीन होते ही ,ज्ञानार्जन रुक जाता है।यथार्थ बनिए।। 7007860070

अध्ययन और अध्यापन

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